Antivirus Kya Hai, Antivirus कैसे काम करता है, Antivirus के फायदे और नुकसान

आज हम जानेंगे की antivirus kya hai, Antivirus कब और किसने बनाया है, Antivirus कैसे काम करता है, Antivirus के नुकसान, Antivirus के फायदे

antivirus kya hai – एंटीवायरस क्या है-

आज हम जानेंगे की antivirus kya hai और antivirus से जुडी जानकारी आपको बताने वाले है

एंटीवायरस एक ऐसा सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है जिसे विशेष रूप से कंप्यूटर और मोबाइल जैसे प्लेटफॉर्म्स को मैलवेयर और कंप्यूटर वायरस के हमलो से रक्षा करने के लिए बनाया गया है।

मैलवेयर, यानि वे सॉफ्टवेयर जो कंप्यूटर में इंस्टॉल सॉफ्टवेयर को नुकसान पहुंचाने या डाटा चुराने के लिए बनाये गए होते है। जिनमे वायरस , एडवेयर, स्पाई वेयर, hijackers, ट्रोजन जैसे प्रोग्राम्स होते है।

बाजार में उपलब्ध ज्यादातर एंटीवायरस सॉफ्टवेयर में वायरस और मैलवेयर को पता लगाने, जांचने और ख़त्म करने जैसी सभी खासियतें होती है।

हालाँकि दूसरी तरह के एंटीवायरस सॉफ्टवेयर भी होते है जिनके कार्य करने का तरीका अलग होता है, जैसे विशेष प्रकार के वायरस से सुरक्षा के लिए।

कंप्यूटर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना उचित होता है। ताकि डाटा सेफ रहे। वैसे एंटीवायरस सॉफ्टवेयर मुफ्त और पेड यानी लइसेंस्ड वर्शन में उपलब्ध होते है।

जिन्हे आप अपनी सहूलियत और जरूरतों के हिसाब से चुन सकते है।

Antivirus कब और किसने बनाया है – एंटीवायरस का इतिहास

अब तक हमने जाना है की antivirus Kya Hai और अब हम antivirus कब और किसने बनाया-

आज से 70 वर्ष पूर्व पहले कंप्यूटर वायरस का जन्म हुआ तथा पहला ज्ञात कंप्यूटर वायरस क्रीपर वायरस के नाम से जाना गया उस समय मेनफ्रेम कंप्यूटर प्रचलन में थे. तो यह वायरस मेनफ्रेम कंप्यूटर सिस्टम को संक्रमित करता था. इस वायरस को हटाने के लिए अनेक शोध कार्य किये गए.

अंततः “रे टॉमलिंसन” द्वारा क्रीपर वायरस को नष्ट करने के लिए एक प्रोग्राम बनाया गया जिसे “द रीपर” के नाम से भी जाना जाता था.

क्रीपर वायरस के बाद अनेक वायरस का जन्म हुआ तथा वर्ष 1981 में “एल्क क्लोनर” नामक ज्ञात वायरस उत्पन्न हुआ जिसने एप्प्ल कंपनी के दूसरी सीरीज के कंप्यूटर पर वायरस हमला किया.

1980 के दशक से पूर्व इंटरनेट कनेक्टिविटी सीमित थी जिस वजह से संक्रमित फ्लॉपी डिस्क के जरिए एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में वायरस फैलते थे. परन्तु इंटरनेट के बढ़ते विकास की वजह से वायरस ऑनलाइन तेजी से फैलने लगे.

वर्ष 1987 में “एंड्रियास ल्युनिंग” तथा “काई फेज़” नामक व्यक्ति द्वारा पहला एंटीवायरस उत्पाद लॉन्च किया गया. वर्ष 1987 में ही McAfee कंपनी द्वारा Virus Scan नामक एंटीवायरस का पहला Version लॉन्च किया गया. McAfee इंटेल सुरक्षा कंपनी का एक हिस्सा थी.

समय के साथ वर्ष 1988 तक कई एंटीवायरस निर्माण करने वाली कंपनियों की संख्या में वृद्धि होती गई.

वर्ष 1987 में “फ्रेड कोहन” द्वारा कहे गए कथन के अनुसार “ऐसा कोई अल्गोरिथम नहीं है जो पूर्ण रूप से संभावित कंप्यूटर वायरस की जानकारी प्रदान कर सके” परन्तु वर्तमान समय में एंटीवायरस के जरिये काफी हद तक इन गुप्त वायरस के बारे में जानकारी प्राप्त कर नष्ट किया जा सकता है.

1990 में कंप्यूटर एंटीवायरस अनुसंधान संगठन (CARO) की स्थापना की गई. 1992 में AVG तकनीक का विकास किया गया. तथा इसी वर्ष एन्टी-वायरस गार्ड अर्थात प्रचलित AVG एंटीवायरस का पहला संस्करण लॉन्च किया गया.

इस प्रकार समय के साथ विभिन्न कंपनियों द्वारा एंटीवायरस प्रोग्राम के निर्माण की ओर ध्यान दिया.

Antivirus कैसे काम करता है-

अब तक हमने जाना है की antivirus Kya Hai और अब हम antivirus कब और किसने बनाया और अब हम जानेंगे Antivirus कैसे काम करता है-

Antivirus एक Program या Software होता है। जिसके Database में Computer Virus की जानकारी दिया गया होता है। Antivirus के Database में लगभग सभी प्रकार के Computer Virus की छाप (Signature) होती है। जिसका Virus Definition Files होता है।

अगर कभी कंप्यूटर सिस्टम में Virus आ जाता है। तब Antivirus पूरे कंप्यूटर सिस्टम को Scan करता है। अगर इसके Database से मिलता जुलता कोई Files या Program मिलता है।

तब उसे Computer Virus मानकर User को सूचित करता है और उसे नष्ट भी कर देता है।

anitvirus virus ko kaise nikalta hai

लेकिन अगर कंप्यूटर सिस्टम में कोई नये तरह का Virus आ जाता है। जो कि पहले उस तरह का नहीं आया हो। तब ऐसे में उस Virus का छाप Antivirus के Database में नहीं होता है।

इसलिए Antivirus उस Virus को न तो पहचान कर पाता है, और ना ही नष्ट कर सकता है। इस तरह के स्थिति में Antivirus भी कुछ नहीं कर सकता है।

लेकिन जब भी कभी मार्केट में नये तरह का Virus पता चलता है। तब अच्छे Antivirus कंपनी उसे भी अपने Antivirus के Database में Update कर देते हैं। इस तरह नये Virus को भी Antivirus Detect कर लेता है।

इसलिए कहा जाता है कि हमेशा अच्छे कंपनी का Updated Antivirus ही उपयोग करना चाहिए।

antivirus kitne prakar ke hote hai – antivirus के प्रकार-

मार्केट में अनेक प्रकार के एंटीवायरस उपलब्ध हैं, हम सभी प्रकार के एंटीवायरस को निम्न तीन श्रेणी में वर्गीकृत कर सकते हैं –

1 – स्टैंडअलोन एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर (Standalone Antivirus Software)

स्टैंडअलोन एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर एक विशेष प्रकार के सॉफ्टवेयर हैं जिसे कुछ वायरस का पता लगाने और हटाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसे आमतौर पर पोर्टेबल एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर के नाम से भी जाना जाता है.

क्योंकि इसे USB ड्राइव के द्वारा भी Install किया जा सकता है और Administrators द्वारा किसी संक्रमित सिस्टम का Emergency Scan Run करने के लिए उपयोग किया जाता है.

हालांकि, अधिकांश पोर्टेबल प्रोग्राम रीयल-टाइम सुरक्षा प्रदान करने और प्रतिदिन नई Virus Definitions डाउनलोड करने के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए हैं.

यही कारण है कि वे इंटरनेट सुरक्षा Suites को Substitute नहीं कर सकते हैं जिसमें विभिन्न प्रकार की अतिरिक्त सुविधाएं शामिल हैं.

2 – सिक्यूरिटी सॉफ्टवेयर (Security Software)

Security Software सामान्य एंटीवायरस की तुलना में Advance होते हैं. वायरस का पता लगाने और हटाने में सक्षम होने के अलावा, वे अन्य सभी प्रकार के दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर से लड़ने और आपके कंप्यूटर और फ़ाइलों के लिए चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी डिजाईन किये गए हैं. इनमें से अधिकांश प्रोग्राम पैकेज में Anti-Spyware, Firewall जैसे Feature उपलब्ध हैं.

3 – क्लाउड-आधारित एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर (Cloud-Based Antivirus Software)

क्लाउड-आधारित एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर एक बिल्कुल नई प्रकार की एंटीवायरस तकनीक है जो आपके फाइलों को कंप्यूटर के बजाय क्लाउड में विश्लेषण करती है.

जिससे कि Computational Resources का इस्तेमाल नहीं होता है और आपके कंप्यूटर की स्पीड में कमी नहीं आती है.

इन प्रकार के सॉफ्टवेयर में आम तौर पर दो भाग होते हैं – क्लाइंट और वेब सर्विस. क्लाइंट जो आपके कंप्यूटर पर Install है और बहुत अधिक मेमोरी लिए बिना वायरस और मैलवेयर स्कैन करता है.

और वेब सर्विस जो क्लाइंट द्वारा एकत्र किए गए डेटा को संसाधित करती है और अपने वायरस और मैलवेयर डेटाबेस में Match के लिए इसका निरीक्षण करती है.

anitvirus virus ko kaise nikalta hai- एंटीवायरस वायरस को कैसे निकालता हैं –

यहाँ मैं आपको बताना चाहता हूँ कि Virus भी एक प्रकार का Program (Code) या Software होता हैं बहुत से लोगो का यह भी मानना है कि जो company Antivirus बनाती हैं वही वायरस भी बनती हैं क्युकी अगर Virus नहीं होगा तो antivirus कौन खरीदेगा।

जब आप कोई antivirus software खरीदतें हैं तो आपको एक CD या Email पर Downloading Link भेजा जाता हैं.

जिसकी सहायता से आप एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को अपने PC या Laptop में install करते हैं आपके द्वारा install software में पहले से ही कई anti program code या File मौजूद होती हैं.

जो आपके पूरे system को Scan करके उसमे मौजूद file को अपने प्रोग्राम कोड से match करते हैं और Virus या malware का पता लगते हैं।
Antivirus निम्नलिखित तरीको से virus का पता लगते हैं:-

Date Mining Techniques

Sandbox Detection

Behavioral Based Detection

Heuristic Based Detection

Signature Based Detection

उपरोक्त तरीकों की मदद से एंटीवायरस आपके कंप्यूटर या लैपटॉप में गुप्त Adware, Spyware, Ransomware, Key-loggers, Back-doors, Trojan Horse आदि virus file का पता लगातें हैं और उन्हें Repair या Delete करते हैं।

Antivirus ke features-

एंटीवायरस सॉफ्टवेयर में आपको कई सारे Features मिलते हैं जिनकी सहायता से आप अपने Computer या Laptop को सुरक्षा प्रदान कर सकते है और साथ ही Malware, Spyware जैसे अटैक से Real-Time सुरक्षित भी रह सकते हैं antivirus की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:-

Quick Scan

Full System Scan

Custom Scan

Background Scan

Memory Scan

Boot Time Scan

Remover Device Scan

Mobile Scan

Best Free Antivirus 2022 –

Bitdefender Antivirus Free Edition
Avira
Avast Free
AVG Free
Kaspersky Lab Internet Security 2022
360 Total Security
Panda Free
Comodo
Check Point ZoneAlarm Free Antivirus + Firewall
Microsoft Windows Defender

antivirus kya hai

Antivirus के फायदे-

Antivirus Malicious Software और Program से कंप्यूटर को सुरक्षित रखता है।

Antivirus कंप्यूटर में रखे डॉक्युमेंट को Currupt होने से बचाता है।

एक अच्छा Antivirus ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को सुरक्षित बनाता है।

Antivirus कंप्यूटर के बेकार डेटा या Malicious Program की जानकारी User को देता है।

Antivirus कंप्यूटर सिस्टम को हैंग होने से बचाता है। जिससे कंप्यूटर Smoothly काम करता है।

Antivirus के नुकसान –

कोई भी चीज जिसके फायदे होते हैं उसके नुकसान भी होते हैं, इसी प्रकार से एंटीवायरस के फायदों के साथ – साथ कुछ नुकसान भी हैं. एंटीवायरस के नुकसान निम्नलिखित हैं –

एंटीवायरस के इस्तेमाल से कंप्यूटर की स्पीड Slow हो जाती है, हमारे कंप्यूटर में अनेक सारी फाइलें होते हैं जब भी हम किसी फाइल को ओपन करते हैं तो एंटीवायरस पहले उसे स्कैन करता है जिससे कि फाइल खुलने में समय लगता है.

एंटीवायरस की सबसे बड़ी कमी यह है कि यह आपके कंप्यूटर को पूरी तरह से Protect नहीं कर पाता है, सभी एंटीवायरस में कोई न कोई कमी रह जाती है वे आपके कंप्यूटर को सभी एरिया में स्कैन नहीं कर पाते हैं.

एंटीवायरस को अपडेट करने के लिए हर साल पैसे खर्च करने पड़ते हैं.

निकर्ष-

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Ramu Choudhary, मैं एक Computer Graduate and Internet Services के बारे 2016 से बहुत अच्छे से रूबरू हु. में Technology ओर Education से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों कोबहुत पसंद है यदि आप भी Technology ओर Education सूचना प्राप्त करना चाहती होतो फिर हमारे ब्लॉग को फॉलो कर ले और दोस्तों के साथ शेयर कर दे.