SIP Kya Hai, full form, Sip करने के फायदे और नुकसान 2023 में

आज हम जानेंगे SIP Kya Hai | SIP Full Form In Hindi | SIP में निवेश कैसे शुरू करें | SIP करने के फायदे और नुकसान | SIP में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ फंड

sip kya hai –

अब हम जानेंगे की sip kya hai और sip के बारे में आपको बताने वाले है –

SIP यानि कि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने की एक ऐसी Process है जिसमें निवेशक एक निश्चित राशि को नियमित रूप से एक निश्चित समय अंतराल के लिए निवेश करता है.

SIP निवेश करने का एक अच्छा तरीका है, क्योंकि इसमें आपको हर महीने एक निश्चित राशि निवेश करनी होती है. आप 500 रूपये प्रतिमाह भी SIP में निवेश कर सकते हैं.

SIP के जरिये निवेश करने पर आपको अधिक वित्तीय समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है.लंबे समय में अच्छा पैसा कमाने के लिए SIP में निवेश करना एक अच्छा विकल्प है.

SIP ने निवेश करने से आप ज्यादा जोखिम न लेते हुए एक सुरक्षित निवेश कर सकते हैं, और लम्बी अवधि बाद आपके कोष में अच्छी धनराशि जमा हो जायेगी.

एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति जिसकी कमाई निश्चित होती है, वह भी SIP के द्वारा शेयर बाजार में निवेश कर सकता है.

SIP बैंक में Recurring Deposits (RD) खुलवाने जैसा है, जहाँ पर हम एक निश्चित धनराशि को हर महीने एक निश्चित समय के लिए जमा सकते हैं, और समय अवधि पूरी हो जाने के बाद अपने पैसे ब्याज सहित निकाल सकते हैं.

लेकिन RD की तुलना में SIP से आप अधिक Return प्राप्त कर सकते हैं, और SIP Flexible भी होता है, आप कभी भी अपने निवेश की राशि को निकाल सकते हैं या फिर अपने निवेश को घटा या बढ़ा सकते हैं.

SIP Full Form In Hindi-

एसआईपी (SIP) का Full Form “Systematic Investment Plan” होता है जिसका हिंदी में पूरा नाम व्यवस्थित निवेश योजना है.

SIP Full Form In Hindi
SIP Full Form In Hindi

sip ke liye Documents-

यदि आप म्यूचूअल फंड में SIP करना चाहते है तो इसके लिए आपको डिमेट खाता खुलवाना होता है जिसके लिए आपको केवाईसी करवाने की जरूरत होती है।

इसके साथ ही आपको कुछ जरूरी Documents भी देने होते तो जानते है SIP करने के लिए हमें कौन-कौन सी Documents की जरूरत पद सकता है(Documents for SIP in Hindi)

  • आधार कार्ड
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • पैन कार्ड
  • बैंक अकाउंट डिटेल्स
  • बैंक स्टेटमेंट
  • रद्द चेक
  • ईमेल आइडी
  • मोबाईल नंबर

SIP कितने प्रकार की होती है –

1.-लचीला SIP:

  • इस प्रकार की योजना एक निवेशक को नकदी की उपलब्धता के अनुसार निवेश राशि को बढ़ाने और कम करने की अनुमति देती है।
  • इसके माध्यम से, यदि कोई निवेशक नकद संकट का सामना करता है, तो एक या अधिक किस्त का भुगतान करने से बचा जा सकता है।
  • इसी तरह, यदि कोई निवेशक अपने खाते में बड़ा योगदान देने का इच्छुक है, तो वह ऐसा कर सकता है।

2.-टॉप-अप SIP :

  • यह योजना निवेशकों को समय-समय पर राशि बढ़ाने की अनुमति देती है।
  • इसका यह भी अर्थ है कि निवेशक विशिष्ट अंतरालों पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले MF में योगदान देकर SIP निवेश का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
  • निवेश में वृद्धि आय में वृद्धि, या बोनस प्राप्त करने के साथ की जा सकती है।

3.-ट्रिगर SIP :

  • यह SIP एक सुविधा प्रदान करता है, जो पूर्व-परिभाषित ट्रिगर बिंदु की घटना पर निवेशक द्वारा निर्दिष्ट के रूप में स्वचालित मोचन (भाग / पूर्ण) या किसी अन्य योजना पर स्विच करने की अनुमति देता है।
  • ट्रिगर अलर्ट के कुछ उदाहरण एनएवी में वृद्धि या गिरावट, सूचकांक स्तर आंदोलनों (उल्टा / नकारात्मक पक्ष), पूंजी प्रशंसा और मूल्यह्रास और अन्य के मामले में हो सकते हैं।
  • चुना हुआ ट्रिगर ट्रिगर पॉइंट को हिट करने पर खरीदने, बेचने या स्विच करने के लेनदेन को सक्रिय करेगा।

4.-सतत SIP :

  • यदि कोई निवेशक जनादेश पर अंतिम तिथि दर्ज करने का विकल्प नहीं चुनता है, तो उसे सदा SIP के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
  • शाश्वत SIP का कोई निश्चित कार्यकाल नहीं होता है और इसे उस समय तक जारी रखा जा सकता है जब निवेशक निवेश करना चाहता है।
  • फिर भी, यह हमेशा सलाह दी जाती है कि अनुशासन और लक्ष्य-आधारित निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक अंतिम तिथि निर्धारित की जानी चाहिए।

SIP कैसे काम करता है-

  • एक बार जब आप एक व्यवस्थित निवेश योजना बनाते हैं, तो राशि स्वचालित रूप से आपके बैंक खाते की गारंटी हो जाएगी और एक ऐसा म्युचुअल फंड में फिर से उसका निवेश किया जाएगा, जिसे आप कुछ पूर्व निर्धारित समय पर जारी करेंगे।
  • अंत में, आप अपने म्युचुअल फंड की मानक शर्ते रखते हैं जो इसके शुद्ध संपत्ति मूल्य पर स्थायी होते हैं।
  • भारत में एक एसआईपी (एसआईपी) योजना में हर निवेश के साथ, बाजार दर के अनुसार आपके खर्चों में अतिरिक्त सतत जोड़ दी गई परंपराएं।
  • किए गए प्रत्येक निवेश के साथ, आपके द्वारा पुनर्निवेश की जाने वाली राशि उन निवेशों पर मिलने वाले किसी भी रिटर्न के अलावा बड़ी होगी।
  • यह तय करता है कि एसआईपी (एसआईपी) की अवधि के अंत में या किसी भी देनदारी पर रिटर्न प्राप्त करना है या नहीं। आइए एक उदाहरण का उपयोग करके इसे बेहतर तरीके से समझने की कोशिश करते हैं।
  • मान लें कि आप अपनी पसंद के म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं। इसके अनुसार, आपने उसी में निवेश करने के लिए 1 लाख रुपये की राशि संभाल कर रखी है।
  • दो तरह से आप यह निवेश कर सकते हैं। आप या तो अपनी पसंद के म्यूचुअल फंड में 1 लाख रुपये का एक बार भुगतान कर सकते हैं,
  • जिसे एकमुश्त निवेश के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा, आप एक एसआईपी (एसआईपी) का उपयोग करके निवेश कर सकते हैं।

SIP में न्यूनतम कितना इन्वेस्टमेंट कर सकते है –

सिप का एक लाभ यह भी है कि आप मात्र ₹500 से भी अपना निवेश प्रारंभ कर सकते हैं। ऊपर की कोई सीमा नहीं रखी गई है। SIP में आप अपनी आय के अनुसार निवेश कर सकते हैं।

आप SIP में अपनी कम उम्र से भी निवेश प्रारंभ कर सकते हैं। इसमें आप जितना जल्दी निवेश करेंगे उतना ही आप फायदे में रहेंगे।

उदाहरण के तौर पर अगर आपने 25 वर्ष की उम्र में मात्र ₹ 500 की SIP प्रारंभ की है तो 12% के रिटर्न के हिसाब से भी आपकी 60 वर्ष की उम्र में आपके पास में ₹ 32.50 लाख जमा हो जाएंगे।

SIP में निवेश कैसे शुरू करें –

सिप (SIP) में आप किसी भी म्यूच्यूअल फण्ड हाउस की ऑफिसियल वेबसाइट में अपना अकाउंट बनाकर निवेश कर सकते हैं. एसआईपी शुरू करने की प्रक्रिया निम्न प्रकार से है.

1 – सबसे पहले आपको KYC Complete करनी होती है. प्रत्येक फंड हाउस में निवेश शुरू करने से पहले निवेशकों को केवाईसी दस्तावेज प्रक्रिया पूरी करने की आवश्यकता होती है. आपको अपना पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र और फोटोग्राफ Submit करने होते हैं.

2 – अपने निवेश का लक्ष्य पहचाने कि आप SIP में निवेश करके क्या प्राप्त करना चाहते हैं. इसके बाद उन फंडों को ढूंढे जो आपके लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेंगे.

3 – एक निश्चित रकम निर्धारित करें, जिसे आप बिना जोखिम के निवेश कर सकते हैं. इसके लिए आप SIP Calculator की सहायता ले सकते हैं.

4 – इसके बाद एक निश्चित समय अंतराल तय करें जिसके अंतर्गत आप निवेश करेंगे.

5 – अब निवेश करना शुरू करें. आप इसमें अपने वित्तीय सलाहकार की भी मदद ले सकते हैं.

6- निवेश करने के लिए आप अपना Grow app download कर सकते है और एक बेहतर sip का चुनाव कर सकते है.

SIP KYA HAI,
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SIP करने के फायदे और नुकसान –

SIP के जरिए निवेश करने से आपको कई प्रकार के फायदे और नुकसान होते है जो की इस प्रकार से है –

SIP करने के फायदे –

  • कम निवेश के कारण आर्थिक बोझ की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।
  • कई लोगों के एक साथ लगे पैसों को प्रोफेशनल फंड मैनेजर द्वारा संचालित किया जाता है जिससे जोखिम की मात्रा कम हो जाती है।
  • आप SIP के Dividend प्लान को चुनकर समय-समय पर dividend की राशि प्राप्त कर सकते हैं।
  • आप जब चाहे अपनी SIP की राशि को घटा-बढ़ा सकते हैं।
  • फंड मैनेजर द्वारा पैसा शेयर मार्केट, गोल्ड, बांड्स आदि में लगाया जाता है जिससे आपके पोर्टफोलियो में विविधता बनी रहती हैं।
  • SIP में समय सबसे अधिक महत्वपूर्ण भाग अदा करता है। आप जितना समय निवेशित रहेंगे आपका रिटर्न उतनी तेजी से बढ़ेगा। SIP में आपको compounding का जबरदस्त फायदा मिलता है। चलिए मैं आपको इसे एक उदाहरण की सहायता से समझाता हूं।
  • SIP का एक मुख्य फायदा यह है कि आप जब चाहे अपने पैसे निकाल सकते हैं। यह ELSS फंड्स को छोड़कर आप सभी SIP में अपनी जरूरत के हिसाब से पूरा या उसका कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं। इसमें बाकी इन्वेस्टमेंट ऑप्शन की तरह लॉक इन अवधि नहीं होती है।
  • SIP में इन्वेस्ट करने के लिए आपको समय नहीं निकालना होता है। एक बार बैंक में ECS या Bank mandate करके आप निश्चिन्त हो सकते है। इंस्टॉलमेंट due date पर स्वतः ही आपके बैंक से डेबिट हो जाएगी।
  • आज के समय में लगभग सभी बैंकों द्वारा अपनी FD पर ब्याज की दर काफी घटा दी गई है। अधिकतर FD प्लान्स inflation को भी beat करने में सक्षम नहीं है। तो यहां SIP का महत्व ओर बढ़ जाता है। SIP में नियमित एवं अनुशासित निवेश करके आफ inflation को मात देकर अच्छे रिटर्न्स प्राप्त कर सकते हैं।
  • एक बार KYC करवाने के पश्चात आपको बार-बार KYC करवाने की आवश्यकता नहीं होती। आप सीधे अपने पैन कार्ड के आधार पर म्यूच्यूअल फंड खरीद सकते हैं।
  • SIP में कागजी कार्यवाही का झंझट नहीं रहता और mutual funds सेबी द्वारा regulate होने के कारण पैसे की डूबने की संभावना नहीं रहती।

SIP करने के नुकसान –

यदि हम बात करें सीप के नुकसान की तो यह तो हम सभी जानते है हर चीज के अपने कुछ फायदे है तो उसके नुकसान भी ऐसे में यह कुछ SIP के नुकसान है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए।

  • किसी भी कंपनी में निवेश करने के लिए आपको इससे पहले उस कंपनी के बारे में जानकारी होनी चाहिए तथा आपको अनुभव लेना होता है।
  • SIP यदि कम अवधि के लिए किया जाए तो निवेश में ज्यादा मुनाफा नहीं होता है।
  • SIP करने के बाद भी नुकसान का रिस्क हमेशा बना रहता है।
  • इसमें आपके खाता से हर महीने निश्चित राशि काटी जाती है जिसके लिए आपको खाता में बैलन्स मेंटेन रखना होता है।
  • यदि आपको अचानक पैसे की जरूरत पड़े और उस व्यक्त आपका कंपनी जिसमें आपने निवेश किया है वह घाटे में चल रही हो तो आपको नुकसान झेलना पड़ता है।
  • यदि आप हर महीने नियमित रूप से तय राशि जमा नहीं कर सकते तो हर माह SIP करना आपके लिए मुश्किल होता है।
  • यदि आपने किसी करण SIP नहीं भर तो ऐसे में आपको नुकसान भी झेलना पड़ सकता है।
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SIP में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ फंड-

फंड का नाम 5 सालों का रिटर्न 3 सालों का रिटर्न मासिक निवेश 
एक्सिस ब्लूचिप फंड 11.30%18.30%5000
एक्सिस फोकस्ड 25 फंड 17.19%16.64%5000
डीएसपी इक्विटी फंड 14.36%14.69%5000
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल टेक्नोलॉजी फंड 33.91%41.39%5000
एचडीएफसी बैलेंस्ड एडवांटेज फंड 15.50%16.60%5000
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ब्लूचिप फंड10.81%8.48%5000
कोटक स्टैंडर्ड मल्टीकैप फंड 13.24%11.14%5000
क्वांट इंफ्रास्ट्रक्चर फंड 24.14%38.02%5000
निप्पोन इंडिया लार्ज कैप फंड 10.90%8.42%5000
टाटा इंडिया कंज्यूमर फंड 15%14.70%5000
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टीकैप फंड13.62%16.68%5000
आईडीएफसी गवर्नमेंट सिक्योरिटी फंड  8.93%11.39%5000
आईडीएफसी गवर्नमेंट सिक्योरिटी फंड  9.73%11.32%5000
निप्पोन इंडिया निवेश लक्ष्य फंड 11.21%5000
आईडीएफसी गवर्नमेंट सिक्योरिटी फंड  8.29%11.18%5000
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल कांस्टेंट मैच्योरिटी गिल्ट फंड  8.84%11.17%5000
डीएसपी गवर्नमेंट सिक्योरिटी फंड 8.59%11.08%5000
एडेल वेईसिस गवर्नमेंट सिक्योरिटीज फंड 8.60%11.04%5000
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल कांस्टेंट मैच्योरिटी गिल्ट फंड  8.65%10.96%5000
टाटा डिजिटल इंडिया फंड 35.52%41.48%5000

SIP में कितना ब्याज मिलता है?

म्‍यूचुअल फंड SIP की ज्‍यादातर स्‍कीम्‍स का लंबी अवधि का रिटर्न औसतन 12 से 15फीसदी सालाना है

SIP में पैसा कैसे बढ़ता है?

SIP में कंपाउंडिंग इंटरेस्‍ट का बेनिफिट मिलने के कारण एसआईपी में पैसा काफी तेजी से बढ़ता है

सिप पर कितना टैक्स लगता है?

इस कैपिटल गेन्‍स पर 10 फीसदी का टैक्स (अगर इनकम 1 लाख रुपये से ज्‍यादा है तो) देय होता है.

क्या एसआईपी इनकम टैक्स फ्री है?

यदि कोई निवेशक एसआईपी के माध्यम से इक्विटी फंड या संतुलित म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश कर रहा है, तो एक वर्ष के बाद किए गए सभी लाभ को दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ माना जाएगा जो पूरी तरह से कर-मुक्त होगा।

एसआईपी कैलकुलेटर क्या है?

सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एस आई पी) आपको अपने सपनों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए नियमित अंतर पर छोटे राशि के निवेश करने की अनुमति देती है

SIP कब लेना चाहिए?

यदि आपकी सैलरी पर्सन है और आपकी सैलरी का एक हिस्सा आप सिप में लगा सकते है जो हर महीने भरनी पड़ती है तो आप अपनी सैलरी का एक हिस्सा के सिप कर सकते है.

एकमुश्त और सिप में क्या अंतर है?

SIP में आप 1000 रुपये प्रति माह जितनी छोटी रकम से निवेश कर सकते हैं। दूसरी ओर, 
एकमुश्त निवेश के लिए न्यूनतम 10,000 रुपये की जरूरत होती है। 
एकमुश्त निवेश एक बार में होता है,
उसमें SIP की तरह वित्तीय अनुशासन की दरकार उतनी नहीं होती है

निकर्ष-

  • जैसा की आज हमने आपको sip kya hai, SIP Full Form In Hindi, SIP में न्यूनतम कितना इन्वेस्टमेंट कर सकते है, SIP में निवेश कैसे शुरू करें, SIP करने के फायदे और नुकसान, SIP में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ फंड के बारे में आपको बताया है.
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Ramu Choudhary, मैं एक Computer Graduate and Internet Services के बारे 2016 से बहुत अच्छे से रूबरू हु. में Technology ओर Education से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों कोबहुत पसंद है यदि आप भी Technology ओर Education सूचना प्राप्त करना चाहती होतो फिर हमारे ब्लॉग को फॉलो कर ले और दोस्तों के साथ शेयर कर दे.