Tally Kya Hai ,Tally Course की योग्यता, अवधि, फीस, पाठ्यक्रम, कॉलेज, वेतन

आज हम यह जानेंगे के tally kya hai, Tally Ki Full Form Kya Hai, टैली का अविष्कार किसने किया, टैली कितने दिन का कोर्स है, tally Software ke kitne Versions hai, टैली कोर्स के लिए योग्यता, टैली कोर्स का पाठ्यक्रम, tally course ke liye top Institute, Tally सीखने के बाद सैलरी कितनी मिल सकती है,टैली कोर्स करने के क्या फायदे हैं के बारे में आपको स्टेपानुसार बताने वाले है.

tally kya hai- टैली क्या है-

Table of Contents

आज हम जानेंगे की tally kya hai और टैली से जुडी जानकारी बताने वाले है-

Talley का अर्थ होता है, रूपये की गणना करना या व्यवस्थापन करना। जिसमे Business सम्बंधित सभी रिकॉर्ड को तैयार करके उसको बनाये रखना, इसके अंतर्गत वह सभी लेन – देन आते है, जो आपके व्यवसाय के लिए हुए है। कितना पैसा कहाँ पर खर्च हुआ है, और किनता किस जगह से आया है।

यह सभी चीजे Talley के अंतर्गत आती है। यह सभी क्षेत्रो के लिए महत्वपूर्ण है, चाहे वह कोई स्कूल, इंस्टिट्यूट, बैंक या कोई भी सरकारी कार्यलय ही क्यों ना हो। आज पूरी आकउंटिंग टैली के द्वारा की जाती है

Tally एक अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर हैं, जो Tally Solutions Pvt. Ltd एक बहुराष्ट्रीय भारतीय कम्पनी द्वारा निर्मित कंप्यूटर सॉफ्टवेयर हैं सामान्य बोलचाल में tally को अकाउंटिंग से ही जोड़कर देखा जाता हैं,

अपने व्यापार में किसी कम्पनी के वितीय लेन-देन (इनकम/खर्चे) को लिखकर रखना ही एकाउंटिंग हैं। पहले के जमाने में इसे बहियों में हाथ से लिखकर रखा जाता हैं, समय के बदलाव के साथ ही, कम्पनी के अकाउंट को मेंटेन करने के लिए आज कंप्यूटर का उपयोग किया जाता हैं।

Tally Ki Full Form Kya Hai-

अब तक हमने जाना है की tally kya hai लेकिन अब हम जानेंगे की tally ki full form kya hoti hai-

जैसा की आपको बताया गया है, की Talley एक प्रकार का Software है, जिसका उपयोग एकाउंटिंग के लिए किया जाता है। तो आइये जानते है, Talley का Full From क्या है –

Tally Ki Full Form

Tally का फुल फॉर्म “Transactions Allowed in a Linear Line Yards” होता है, जिसे हम “ट्रांसक्शन्स एलाउड इन ए लीनियर लाइन यार्ड्स” बोल सकते है।

Talley एक Software है। इस सॉफ्टवेयर को सन 1986 में श्याम सुन्दर गोयनका और इनके पुत्र भरत गोयनका द्वारा बनाया गया था।

tally ki khoj kisne ki thi – टैली का अविष्कार किसने किया –

अब तक हमने जाना है की Tally Ki Full Form, tally kya hai और अब हम जानेंगे की tally ki khoj kisne ki thi

इस सॉफ्टवेयर को बनाने का मुख्य उद्देश्य था, की यह लेन देन की गणना को आसान बना सके। क्योकिं उस समय श्याम सुंदर गोयनका के पास एक खुद की कंपनी थी, जिसमे मशीनों के पुर्जे और टैक्सटाइल मीलों के कच्चे माल को तैयार किया जाता था।

जिसकी पूरी लेन देन करने के लिए बहुत समय लगता था। इसलिए श्याम सुन्दर गोयनका एक ऐसे Software की तलाश में थे जो की सारी गणना को आसानी से कर सके।

टैली कितने दिन का कोर्स है? (Tally kitne din ka hota hai)-

अगर आप टैली करना चाहते हैं तो आपको tally course duration पता होना चाहिए। सबसे पहले आप ये जान लीजिए कि टैली दो प्रकार की होती है –

  • बेसिक टैली (Basic Tally)
  • एड्वान्स टैली (Advance Tally)
  • अगर आप Tally का Basic course करना चाहते हैं तो आपको इस course में तीन महीने का समय देना होगा।
  • लेकिन अगर आप Tally का Advance course करना चाहते हैं तो आपको basic course करने के बाद advance course के लिए extra समय देना होगा।
  • लेकिन आपको कई Institute ऐसे भी मिल जाएंगे जो सिर्फ़ तीन महीने में ही आपको basic to advance तक का पूरा course करवा देते हैं।

टैली कोर्स करने में कितनी फीस लगती है? tally ki fees kitni hoti hai-

tally course करने से पहले हमे यह जानना ज़रूरी है की tally ki fees kitni hoti hai जो की हमे अपने बजट के हिसाब से पहले देख लेना होगा.

Tally course की fees, institute पर निर्भर करती है। प्रत्येक institute अपने-अपने हिसाब से इसकी fees लेते हैं।

जहां कुछ institute इसके लिए 3000 रूपये लेते हैं तो वहीं कुछ ऐसे institute भी होते हैं जो 5000 रूपये लेते हैं।आप मानकर चलिए, टैली की फीस 3 हजार से 5 हजार रूपए के बीच होती है।

tally Software ke kitne Versions hai-

tally kya hai
  • टैली 4.5 टैली का पहला वर्जन था। यह 1990 में जारी किया गया था। यह सॉफ्टवेयर MS-DOS पर आधारित है।
  • टैली 5.4 टैली का दूसरा वर्जन था। यह 1996 में जारी किया गया था। यह एक ग्राफिक इंटरफ़ेस वर्जन था।
  • टैली 6.3 टैली का तीसरा वर्जन था। यह 2001 में जारी किया गया था। यह वर्जन विंडो आधारित था। यह वैट (Value Added Tax) के साथ प्रिंटिंग को सपोर्ट करता है।
  • टैली 7.2 टैली का अगला वर्जन था। यह 2005 में जारी किया गया था। इसे स्टेट के रूप में वैधानिक मानार्थ वर्जन और वैट नियमों की नई विशेषताओं के साथ जोड़ा गया था।
  • टैली 8.1 टैली का अगला वर्जन था। यह एक नई डेटा संरचना के साथ विकसित किया गया था। इसे प्वाइंट ऑफ सेल (POS) और पेरोल की नई विशेषताओं के साथ जोड़ा गया था।
  • अगला वर्जन टैली 9. यह 2006 में जारी किया गया था। यह वर्जन बग और त्रुटियों के कारण जारी किया गया था। इस वर्जन में अधिकतम विशेषताएं हैं जैसे टीडीएस, एफबीटी, पेरोल, ई-टीडीएस भरना आदि।
  • टैली का नवीनतम वर्जन ERP 9 है। इसे 2009 में जारी किया गया था। टैली ERP 9 पैकेज छोटे से लेकर बड़े व्यावसायिक उद्योगों के लिए अधिकतम सुविधाएँ प्रदान कर रहा है। यह (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) जीएसटी की नई सुविधाओं के साथ भी update है।

टैली कोर्स के लिए योग्यता – Eligibility for Tally Course-

अगर आप टैली कोर्स को प्रवेश लेने के इच्छुक है तो आपको निम्नलिखित पात्रता को पुरा करना आवश्यक बन जाता है, जो के इस प्रकार से है –

  • इच्छुक छात्र ने न्यूनतम 12 वी कक्षा को मान्यताप्राप्त शिक्षा संस्थान/ बोर्ड से उत्तीर्ण करना अनिवार्य होता है।
  • इच्छुक छात्र को व्यवसाय प्रबंधन से जुडा ज्ञान होना आवश्यक माना जाता है।
  • जिन छात्रो को स्नातक डिग्री को उत्तीर्ण कर इस कोर्स हेतू प्रवेश लेना है, तो इस स्थिती मे वाणिज्य शिक्षा धारा से स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण छात्रो हेतू इस कोर्स को बेहतर विकल्प के तौर पर माना जाता है।

टैली कोर्स का पाठ्यक्रम – Syllabus of Tally Course-

यहाँ हम जानेंगे टैली कोर्स के पाठ्यक्रम के बारे मे जिसमे निचे दी हुई बाते शामिल होती है, जैसे के –

  • इन्वेंटरी(Inventory)
  • बँकिंग (Banking)
  • बिलिंग (Billing)
  • पे रोल (Pay Roll)
  • अकाउंटिंग (Accounting)
  • टैक्सेशन (Taxation)
  • टैली इ.आर.पी ९ (सरलकृत) का पाठ्यक्रम – Tally ERP Simplified Syllabus.
  • वोल्युम १ – Volume 1.
  • अकाउंटिंग एंड इन्वेंटरी प्रबंधन (Accounting And Inventory Management)
  • बिल (Bill)
  • रिपोर्ट्स (Reports)
  • ऑर्डर प्रोसेसिंग एंड प्री क्लोजुएर ऑफ़ ऑर्डर्स (Order Processing And Pre-Closure of Orders)
  • बिल ऑफ मटेरीअल्स (Bill of Materials)
  • कॉस्ट सेन्टर्स एंड कॉस्ट कॅटेगरिज(Cost Centers And Cost Categories)
  • झिरो वैल्यू एन्ट्री( Zero Value Entry)
  • प्राईस लेव्हल एंड प्राईस लिस्ट (Price Level And Price List)
  • पॉइंट ऑफ़ सेल्स (Point of Sales)
  • डिफरेंट एक्चुअल बिल एंड क्वांटिटी (Different Actual Bill And Quantity)
  • वोल्युम २ – Volume 2
  • वैट (Vat)
  • एसेंशियल ऑफ़ टैक्सेशन (Essential of Taxation)
  • टी.डी.एस (TDS)
  • सर्विस टैक्स (Service Tax)
  • एडवांस्ड फीचर (Advanced Feature)
  • एक्साइज (Excise)

tally course ke liye top Institute-

वैसे तो टैली आजकल हर छोटे से छोटे इंस्टिट्यूट में सिखाई जाती है लेकिन यदि हमे अच्छे से टैली के बारे जानना है की tally kya hai तो हमें पहले tally course ke liye top institute को देख लेना होगा.

अगर आपने मन बना लिया है कि आपको टैली कोर्स करना है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस कोर्स को किसी अच्छे संस्थान से ही करना चाहिए.

क्योंकि एक अच्छा संस्थान ही आपको बेस्ट ट्रेनिंग देगाजो कि आपको जिंदगी में सफलता दिलाने और अच्छा कैरियर बनाने में सहायता करेगा।निम्नलिखित कुछ टैली कोर्स के इंस्टिट्यूट है जहां सेयहकोर्स किया जा सकता है।

  • मदर इंस्टिट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजी अहमदाबाद (Mother itnstitute of Electronics Technology Ahmedabad)
  • सेंट गेज बाबा अमरावती यूनिवर्सिटी (Sant Gadge Baba Amravati University)
  • रामानुजन कॉलेज (Ramanujan College)
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी दिल्ली(National institute of Electronics and information technology)
  • द इंस्टीट्यूटऑफकंप्यूटर अकाउंटेंट्स बोरीवली (The Institute of computer accountants Borivali)

Tally सीखने के बाद सैलरी कितनी मिल सकती है-

अब तक हमने जाना है tally course ke liye top Institute अब हम जानेंगे की Tally सीखने के बाद सैलरी कितनी मिल सकती है यह जन लेना भी बेहद ज़रूरी है-

इस फील्ड में शुरुआती सैलरी 7 से 10 हजार के बीच होती है। लेकिन 3 से 4 साल का अनुभव होने के बाद आप 20 से 40 हजार सैलरी अर्जित कर सकते हैं। जैसे- जैसे आपका अनुभव बढ़ता जाता है तो आपकी सैलरी भी बढ़ती है।

Tally Job Types –

  • Self Employed
  • Administrator
  • Teacher
  • Account Maintain
  • Data entry (bill)
  • Sales Pos etc.

टैली कोर्स करने के क्या फायदे हैं? | Tally course benefits in Hindi-

  • अगर बात tally course के benefits की, की जाए तो यह आपको direct & indirect दोनों benefits देता है।
  • यहां direct benefits से मतलब है, आप इसकी मदद से अपने business या shop में account को आसानी से maintain कर सकते हैं।
  • Indirect benefits का मतलब, job करने से है। आप tally course करने के बाद किसी भी बड़ी company में job कर सकते हैं।
  • आप अपनी सुविधानुसार प्राइवेट सेक्टर में फुल टाइम या फिर पार्ट टाइम जॉब कर सकते हैं।
  • किसी कोचिंग सेंटर पर टैली कोर्स सिखाने का कार्य भी आप आसानी से कर सकते है।
  • अगर आप टैली कोर्स सिख चुके हो और आपको पुरे समय कामकाज करना संभव ना हो तो उस स्थिती मे आप पार्ट टाईम अकाउंटेंट के तौर पर नौकरी भी कर सकते हो।
  • बहुत बार जी.एस.टी रिटर्न को फाईल करनेवाले लोगो की आवश्यकता रहती है, इस स्थिती मे टैली की मदद से अगर आपको जी.एस.टी रिटर्न को फाईल करना आता है, तो इस कार्य द्वारा भी धन अर्जित करने का विकल्प प्राप्त हो जाता है।
  • बहुत से लोग आर्थिक स्थिती कमजोर होने के कारण कम समय मे रोजगार प्राप्त करना चाहते है उस स्थिती मे टैली वो अनिवार्य कोर्स साबित होता है जो ऐसे लोगो को रोजगार दिलाने के लिए मददगार साबित होता है।
  • विभिन्न दफ्तरो मे कर्मचारियो के वेतन, उपस्थिती, बोनस,कटौती, भुगतान से संबंधित अकाउंट प्रबंधन हेतु टैली सॉफ्टवेयर की मदद ली जाती है जिससे सटीकता से परिणाम प्राप्त होते है।
  • अधिकतर बँकिंग व्यवस्था मे ग्राहको के अकाउंट प्रबंधन का कार्य टैली सॉफ्टवेयर की मदद से किया जाता है।
    टैली सॉफ्टवेयर मे मौजूद ऑडीट टूल की मदद से विभिन्न व्यवसाय क्षेत्र और कंपनीयो को वित्तीय वर्ष के मौजुदा
  • ऑडीट से संबंधित कार्य करने मे आसानी होती है, अधिकतर बार इस टूल द्वारा लेन देन से संबंधित चीजो पर नियंत्रण रखने का प्रमुख कार्य किया जाता है।
  • कई बार ऐसा भी होता है के कुछ लोगो को रसीद, बिलिंग, चालान, वाउचर को सहेज कर रखना होता है, जो के महत्वपूर्ण होते है इस स्थिती मे टैली सॉफ्टवेयर द्वारा ऐसे कार्य बखुबी किए जाते है।
  • विश्व मे कुछ प्रमुख संस्थाए ऐसी भी होती है जिनका विश्वभर मे विस्तार हुआ रहता है, इस स्थिती मे ऐसे संस्थाओ का महत्वपूर्ण डेटा टैली सॉफ्टवेयर द्वारा नियंत्रित कर उपयोग मे लाया जाता है। इसका फायदा ये होता है के
  • दुनिया के किसी भी देश से इस संस्था से जुडे व्यक्तियो को टैली सॉफ्टवेयर द्वारा डेटा प्रबंधन करने मे आसानी हो जाती है।

निकर्ष-

  • जैसा की आज हमने आपको tally kya hai, Tally Ki Full Form Kya Hai, टैली का अविष्कार किसने किया, टैली कितने दिन का कोर्स है, tally Software ke kitne Versions hai, टैली कोर्स के लिए योग्यता, टैली कोर्स का पाठ्यक्रम, tally course ke liye top Institute, Tally सीखने के बाद सैलरी कितनी मिल सकती है,टैली कोर्स करने के क्या फायदे के बारे में आपको बताया है.
  • इसकी सारी प्रोसेस स्टेप बाई स्टेप बताई है उसे आप फोलो करते जाओ निश्चित ही आपकी समस्या का समाधान होगा.
  • यदि फिर भी कोई संदेह रह जाता है तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट कर सकते और पूछ सकते की केसे क्या करना है.
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टैली कितने प्रकार के होते हैं?

टैली 4.5 टैली का पहला वर्जन था। यह 1990 में जारी किया गया था। टैली का नवीनतम वर्जन ERP 9 है। इसे 2009 में जारी किया गया था।

टैली के जनक कौन है?

श्याम सुन्दर गोयनका एक ऐसे Software की तलाश में थे जो की सारी गणना को आसानी से कर सके।इनको ही टैली का जनक माना जाता है.

भारत में टैली कब शुरू हुई?

भारत गोयनका ने बिना किसी कोड के ‘द अकाउंटेंट’ नामक एक अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर विकसित किया। उन्होंने और उनके पिता ने मिलकर 1986 में Peutronics की शुरुआत की – 1988 से इसका नाम बदलकर Tally कर दिया गया

टैली करने के बाद क्या करें?

इस फील्ड में शुरुआती सैलरी 7 से 10 हजार के बीच होती है। लेकिन 3 से 4 साल का अनुभव होने के बाद आप 20 से 40 हजार सैलरी अर्जित कर सकते हैं। जैसे- जैसे आपका अनुभव बढ़ता जाता है तो आपकी सैलरी भी बढ़ती है।
Tally Job Types –
Self Employed
Administrator
Teacher
Account Maintain
Data entry (bill)
Sales Pos etc.


टैली करने से कौन सी जॉब मिलती है?

टैली करने के बाद जॉब्स-
Self Employed
Administrator
Teacher
Account Maintain
Data entry (bill)
Sales Pos etc.

टैली की सैलरी कितनी होती है?

इस फील्ड में शुरुआती सैलरी 7 से 10 हजार के बीच होती है। लेकिन 3 से 4 साल का अनुभव होने के बाद आप 20 से 40 हजार सैलरी अर्जित कर सकते हैं।

टैली में क्या क्या पढ़ा जाता है?

एकाउंटिंग, फाइनेंस , इन्वेंटरी , सेल, परचेज, बैंकिंग, पेरोल, एक्सपेंसेस, और इनकम टैक्स

टैली की सैलरी कितनी होती है?

Tally Course किया है तो आप part time job करके आसानी से महीने का 8000 – 10000 रुपया कमा सकते हैं। यदि आप full time job करते हैं तो आप शुरुआत में ही आसानी 15,000 – 30,000 रुपया per month कमा सकते हैंअगर आपको Accounting की अच्छी जानकारी है.

टैली करने से क्या फायदा?

आप इसकी मदद से अपने business या shop में account को आसानी से maintain कर सकते हैं।
Indirect benefits का मतलब, job करने से है। आप tally course करने के बाद किसी भी बड़ी company में job कर सकते हैं।
आप अपनी सुविधानुसार प्राइवेट सेक्टर में फुल टाइम या फिर पार्ट टाइम जॉब कर सकते हैं।
किसी कोचिंग सेंटर पर टैली कोर्स सिखाने का कार्य भी आप आसानी से कर सकते है।

टैली कोर्स में हम क्या सीखते हैं

टैली कोर्स में छात्रों को जीएसटी, टीडीएस, इन्वेंट्री मैनेजमेंट और एकाउंटिंग के बारे में सिखाता है।

टैली सीखने में कितना समय लगेगा?

टैली कोर्स आम तौर पर 1-3 महीने का लंबा प्रोग्राम होता है जहां आपको सॉफ्टवेयर को गहराई से समझने और इन्वेंट्री प्रबंधन, जीएसटी और टीडीएस गणना, कंपनी विवरण को संशोधित करने आदि से संबंधित अवधारणाओं को सीखने को मिलेगा।

टैली में एंट्री कैसे होती है?

Tally मे आप चाहे नकद (Cash) या उधारी (Credit) पर बिक्री करें, दोनों की एंट्री दर्ज करने का प्रोसेस लगभग समान ही होते हैं

टैली का आविष्कार कब हुआ?

वर्ष 1986 में Tally solution का जन्म हुआ भरत गोयनका जो की मैथमेटिक्स में ग्रेजुएट थे , को एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर को डेवलप किया.

टैली का उपयोग कहां किया जाता है

प्रत्येक खाते के सभी व्यापारिक लेनदेन को विस्तार से संग्रहीत करने के लिए टैली सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है.

टैली में कितने सॉफ्टवेयर होते हैं

टैल ERP 9 दो संस्करणों में आता है: Tally. ERP 9 सिल्वर संस्करण (single user tasking)
2- Tally. ERP 9 गोल्ड संस्करण (Multi user Task)

Ramu Choudhary, मैं एक Computer Graduate and Internet Services के बारे 2016 से बहुत अच्छे से रूबरू हु. में Technology ओर Education से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों कोबहुत पसंद है यदि आप भी Technology ओर Education सूचना प्राप्त करना चाहती होतो फिर हमारे ब्लॉग को फॉलो कर ले और दोस्तों के साथ शेयर कर दे.