Transistor Kya Hai, Transistor कैसे बनता है 2023 में

आज हम यह जानेंगे के Transistor Kya Hai, Transistor का अविष्कार कब और किसने किया, Transistor कितने प्रकार के होते है, Transistor कैसे बनता है

Transistor Kya Hai-

Transistor एक ऐसा Semiconductor Electronic Device होता हैं जिसका प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल और विद्युत शक्ति को Switch या Amplify करने के लिए किया जाता हैं।

यह Electrons और electricity के Movement को control कर सकता है यह Electricity को बंद चालू कर सकता है और यह Current के Amount को भी control कर सकता है इसी कारण transistor electronic wave बना सकते हैं।

Transistor एक small device होता है जिसका उपयोग electronic signals के flow को control करने और regulate करने के लिए किया जाता हैं।

इसी के कारण हम सब कंप्यूटर और मोबाइल में इतनी स्पीड से काम कर पाते हैं। यह डिजिटल सर्किट के लिए महत्वपूर्ण होता हैं।

इसके बिना किसी भी इलेक्ट्रानिक सर्किट को नहीं बनाया जा सकता हैं। क्या आप जानते हैं कि सबसे ज्यादा इसका प्रयोग एम्प्लीफिकेशन के लिए किया जाता हैं। ये सिंग्नल को एंप्लीफाई करता हैं या सर्किट को बंद-चालू करने में मदद करता हैं।

transistor kya hai

Transistor का अविष्कार कब और किसने किया-

सबसे पहले एक जर्मन भौतिक विज्ञानी ‘युलियस एडगर लिलियनफेल्ड’ ने 1925 में फील्ड इफ़ेक्ट ट्रांसिस्टर (FET) के लिए कनाडा में पेटेंट के लिए प्रार्थना-पत्र दिया लेकिन किसी तरह के सबूत ना होने के कारण उसे स्वीकार नहीं किया गया।

लेकिन इलेक्ट्रॉनिक दुनिया को बदलकर रख देने वाले ट्रांजिस्टर का आविष्कार जॉन बारडीन, वॉटर ब्रटेन और विलियम शॉकले ने 1947 में बेल्ल लैब्स में किया था।

Transistor कितने प्रकार के होते है –

ट्रांजिस्टर मुख्यतः दो प्रकार के होते है –

  1. PNP ट्रांजिस्टर
  2. NPN ट्रांजिस्टर

PNP Transistor–

यह ट्रांजिस्टर N प्रकार के अर्धचालक की पतली परत को दो P प्रकार के अर्धचालक के छोटे-छोटे क्रिस्टलो के मध्य दबाकर बनाया जाता है इस प्रकार इसमें P प्रकार के अर्धचालक बाहय भाग में तथा अन्य प्रकार के अर्धचालक मध्य भाग में होता है |

NPN Transistor –

यह ट्रांजिस्टर P प्रकार के अर्धचालक की परत को दो N प्रकार के अर्धचालक के छोटे-छोटे क्रिस्टलो के मध्य दबाकर बनाया जाता है |

इस प्रकार NPN ट्रांजिस्टर में N प्रकार के अर्धचालक बाहय भाग में तथा P प्रकार के अर्धचालक मध्य भाग में होता है |

NPN और PNP Transistor में क्या अंतर है –

  • NPN ट्रांजिस्टर में दो N प्रकार के सेमीकंडक्टर लगे होते हैं जिनके बीच एक पतली सी P टाइप सेमीकंडक्टर लगा होता है और यह दोनों N टाइप सेमीकंडक्टर को एक दूसरे से विभाजित करता है .
  • अगर बात करें PNP ट्रांजिस्टर की तो इसमें दो P टाइप सेमीकंडक्टर लगे होते है जिनके बीच में एक पतली सा N टाइप सेमीकंडक्टर लगा होता है और यह दोनों P टाइप सेमीकंडक्टर को एक दूसरे से अलग करता है।
  • NPN और PNP के चित्र एक-दूसरे के एक समान होते हैं। दोनों ही ट्रांजिस्टर में 3 पिन होती है बेस, कलेक्टर और एमिटर।
  • इन दोनों में अंतर केवल तीर के निशान का होता है जो कि एमिटर को दर्शाता है। NPN ट्रांजिस्टर में तीर के निशान का चिन्ह बाहर की तरफ होता है.
  • अगर PNP की बात करें तो यह निशान अंदर की ओर होता है।
  • NPN ट्रांजिस्टर में इलेक्ट्रॉन की संख्या काफी अधिक होती है तो अगर बात करें PNP की तो इसमें आपको होल्स की संख्या ज्यादा मिलेगी।
  • NPN ट्रांजिस्टर में करंट कलेक्टर से एमिटर की तरह प्रवाहित होता है और PNP ट्रांजिस्टर में यही करंट एमिटर से कलेक्टर की ओर जाता है।
  • NPN ट्रांजिस्टर को ऑन करने पर बेस पॉजिटिव सप्लाई देता है और PNP ट्रांजिस्टर को ऑन करने पर बेस नेगेटिव सप्लाई देना शुरू कर देता है।
  • NPN ट्रांजिस्टर में PNP ट्रांजिस्टर की अपेक्षा स्विचिंग टाइम काफी अधिक तेज होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि NPN ट्रांजिस्टर में इलेक्ट्रॉन की संख्या PNP ट्रांजिस्टर से अधिक होती है.

Transistor कैसे बनाते है –

  • ट्रांजिस्टर अर्धचालक पदार्थ से मिलकर बनता है. इसे बनाने के लिए ज्यादातर सिलिकॉन और जर्मेनियम का प्रयोग किया जाता है.
  • इसमें तीन सिरे या टर्मिनल होते हैं जिनका इस्तेमाल दूसरे सर्किट से जोड़ने में किया जाता है.
  • ये तीन टर्मिनल हैं : बेस, कलेक्टर और एमीटर.
  • ट्रांजिस्टर के कई प्रकार होते है और सबका काम अलग अलग होता है. ट्रांसिस्टर टर्मिनल की किसी एक जोड़ी में करंट या वोल्टेज डालने पर, अन्य ट्रांसिस्टर की जोड़ी में करंट बदल जाता है.
  • बहुत सारे उपकरण में ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया जाता है जैसे एम्पलीफायर, स्विच सर्किट, ओसीलेटर्स आदि.

Transistor के उपयोग क्या क्या है-

  • ट्रांजिस्टर का उपयोग सबसे ज्यादा Inverter के सर्किट में किया जाता हैं।
  • ट्रांजिस्टर का उपयोग डिजिटल गेट बनाने में किया जाता हैं।
  • ट्रांजिस्टर का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक के सर्किट में होता हैं।
  • ट्रांजिस्टर का उपयोग एक Switch की तरह होता हैं।
  • ट्रांजिस्टर का उपयोग Amplifier के रूप में होता हैं।

निकर्ष-

  • जैसा की आज हमने आपको के Transistor Kya Hai, Transistor का अविष्कार कब और किसने किया, Transistor कितने प्रकार के होते है, Transistor कैसे बनता है, Transistor के उपयोग क्या क्या है के बारे में आपको बताया है.
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Ramu Choudhary, मैं एक Computer Graduate and Internet Services के बारे 2016 से बहुत अच्छे से रूबरू हु. में Technology ओर Education से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों कोबहुत पसंद है यदि आप भी Technology ओर Education सूचना प्राप्त करना चाहती होतो फिर हमारे ब्लॉग को फॉलो कर ले और दोस्तों के साथ शेयर कर दे.