cryptography Kya Hai, cryptography से जुडी जानकारी 2023 में

आज हम जानेंगे Cryptography Kya Hai | Cryptography के प्रकार | Encryption Kya Hai, Decryption Kya Hai.

cryptography kya hai-

  • अब हम जानेंगे की cryptography kya hai और इससे जुडी हुयी जानकारी आप आगे हमे फॉलो करते रहे.
  • Cryptography एक ऐसी Technique है जिससे Plain Text को Cipher Text और Cipher Text तो Plain Text में Convert किया जाता है।
  • Cipher Text एक ऐसा text होता है जिसको कोई भी Read तो कर सकते है पर उसे समज नहीं सकता यानिकि इसमें Data Encrypted होता है। यानिकि Cryptography का use Data Encryption और Data Decryption के लिए किया जाता है।
  • जबभी कोई Sender Message या Data को Simple text के Form में Send करता है और Receiver इसे Receive करता है.
  • इन दोने के बिच में अगर कोई Hacker इस Data को Stolen करता है तो वो इस Data को आसानी से Read करके समज सकता है की इस Message में क्या लिखा है तो इस प्रकार के Incident Networking में ना हो इस लिए Cryptography का use किया जाता है।
cryptography in hindi

cryptography ka itihas-

क्रिप्टोग्राफी शब्द ग्रीक से आया है,”क्रिप्टो” जिसका अर्थ है छिपा हुआ और “ग्रैफ़िन” जिसका अर्थ है लिखना। क्रिप्टोग्राफी का उपयोग जूलियस सीज़र ने प्राचीन रोमन काल से किया है।

इस तकनीक को गुप्त रूप से संदेश भेजने के लिए सीज़र सिफर कहा जाता है, भले ही यह जिस तकनीक का उपयोग करता है वह अपने वर्तमान आकार के लिए बहुत अपर्याप्त है।

कैसानोवा ने मैडम डी’रुफ़ को धोखा देने के लिए क्रिप्टोग्राफी के ज्ञान का इस्तेमाल किया (उन्होंने मैडम डी’रॉफ को बताया कि एक जिन्न ने मैडम डी ‘यूरे को गुप्त कुंजी बताया,

भले ही वह क्रिप्टोग्राफी के अपने ज्ञान के आधार पर गुप्त कुंजी को तोड़ने में कामयाब रहे), ताकि वह मैडम के जीवन को नियंत्रित करने में सक्षम हो डी ‘यूरे कुल में।

Cryptography के प्रकार –

Cryptography ke 3 प्रकार के होते हैं।

1.-Secret Key Cryptography-

  • Secret Key Cryptography Data को encrypt करने की लिए एकल Key का उपयोग करता है Symmetric Cryptography में Data को encryption और decryption करने की लिए एक ही Key का इस्तेमाल करता है जिससे Cryptography को Manage करना बहुत इज़ि हो जाता है।
  • Cryptographic ka Algorithm डाटा को सुरक्षित रखने के लिए Cipher में Key का उपयोग करता है। और उस डाटा को कोई यूजर Access करना चाहता है तो उसे एक Key दी जाती है।
  • Authurized User इसी Key की मदद से Data को decrypt कर सकते हैं और पढ़ सकता है।

2.-Public Key Cryptography-

  • Public Key Cryptography Data को Decrypt करने की लिए दो Key का उपयोग करता है। पहली Key का इस्तेमाल डाटा को encrypt करने के लिए और दूसरी Key का इस्तेमाल डाटा को Decrypt करने की लिए करता है।
  • लेकिन जो Key का इस्तेमाल डाटा को encrypt करने के लिए किया जाता है। उसी Key से उसी डेटा को Decrypt नहीं कर सकती हैं। यहाँ Encryption Key को निजी रखा जाता है। इसे ” Private Key ” कहते हैं।और decrypt Key जिसको किसी के साथ भी साझा कर सकते हैं।
  • इसको ” Public Key ” कहते हैं। इन दोनों Key का Mathematical Relation कुछ ऐसा है। Private key को Public Key से प्राप्त नहीं कर सकते लेकिन Public key को Private key से प्राप्त किया जाता है।

3•- Hash Function-

  • Hash Function वह जो Computer Network के Information Security Application में मौजूद होता है।
  • Cryptography में Hash Function का मुख्या काम संख्या इनपुट वैल्यू को compress किये हुए मान में बदलना है।
  • Hash Function का Input arbitrary length का होता है।
  • हैश फंक्शन किसी वैल्यू को compress करके Return करता है तो इसे Hash Value या message Digest भी कहते हैं।

Encryption kya hai :-

  • Cryptography में, encryption एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें data या information को secret codes में convert कर दिया जाता है जिसे cipher text कहते है।
  • Cipher text को आसानी से समझा नही जा सकता है इसे सिर्फ expert ही समझ सकते है।
    जो original data या information होती है उसे हम plain text कहते है और उसे cipher text में encrypt कर दिया जाता है।
  • Encryption का मुख्य उद्देश्य डिजिटल डेटा या इनफार्मेशन( जो internet के माध्यम से transmit होता है) को सुरक्षित करना है।
  • encrypted data को पढ़ने के लिए आपके पास एक key होनी चाहिए जिससे कि आप उसे decrypt कर सके।

Encryption के प्रकार:-

Encryption दो प्रकार का होता है:-
1:-Asymmetric encryption( Public-key cryptography)
2:-symmetric encryption( Private-key cryptography)

Asymmetric encryption-

इसमें सिर्फ एक ही key का इस्तेमाल किया जाता है । जो की सेन्डर और रिसीवर दोनों के पास shared key होती है। इसी key की सहायता से data या मैसेज का encryption या decryption किया जाता है।

मतलब की वही key sender end पे भी use होगी और receiver end पे भी। जिसे secret key या shared key कहते है। और इस पूरी प्रक्रिया को symmetric key cryptography ya secret key cryptography कहते है।
Examples :

AES
DES
Caesar Cipher

symmetric encryption-

इस प्रकार की क्रिप्टोग्राफी में दो अलग key का इस्तेमाल किया जाता है encryption और decryption करने के लिए. जिसमें पहली Private key की और दूसरी public key होती है।

जहां पर public key ,encryption के लिए यूज होती है और दूसरी private key, decryption के लिए इस्तेमाल की जाती है इसमें public key का सबको पता होता है.

लेकिन मैसेज का decryption करने के लिए सिर्फ private key का इस्तेमाल किया जाता है जो कि सिर्फ Receiver के पास होती है मतलब यह है कि जब भी public key का इस्तेमाल करके प्लेन टेक्स्ट का इंक्रिप्शन होगा तो उस public key की इंफॉर्मेशन सब के पास होगी.

cryptography kya hai

क्योंकि उसके नाम से ही पता चल रहा है कि यह एक public की है, लेकिन जब यह मैसेज receiver के पास पहुंचेगा तो private या secret key की सहायता से receiver इस मैसेज का Decryption कर लेगा।

क्योंकि वह सिर्फ अकेला जानता है private key को , जिससे सिर्फ उसी को पता चलेगा कि इस message में क्या लिखा है और इससे हमारे मैसेज की confidentiality भी बनी रहेगी.

इसे asymmetric key cryptography या public key cryptography भी कहते है।
ये क्रिप्टोग्राफ़ी थोड़ी slow काम करती है। but Symmetric क्रिप्टोग्राफ़ी के मुकाबले ज्यादा security प्रदान करती है।

Examples:

  • ECC
  • Diffie-Hellman
  • DSS

Decryption kya hai:-

  • Decryption एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें encrypted data को वापस original data में convert किया जाता है।
  • जो encrypted डेटा होता है उसे cipher text कहा जाता है और जो original डेटा होता है उसे plain text कहा जाता है तथा Cipher text को plain text में बदलना Decryption कहलाता है। इसके लिए भी एक key की आवशयक्ता होती है जिससे कि डेटा decrypt हो सके।
  • निवेदन:-अगर आपका किसी subjects को लेकर कोई सवाल या कोई
    topics है तो हमें बतायें हम उसको एक या दो दिन के अंदर यहाँ हिंदी में प्रकाशित करेंगे।
  • प्लेन टेक्स्ट (Plain text) : ये एक सिंपल किसी भी भाषा मैं लिखा गया टेक्स्ट होता है जिसे सेन्डर रिसीवर को भेजता है। प्लेन टेक्स्ट वही है जिसे आप अपने दोस्तों को चैटिंग करते टाइम भेजते है। जैसे : “you are good”
  • Cipher text : cipher text एक coded secret मैसेज होता है ये कोड binary में भी हो सकता है। और ये encryption करने के बाद generate होता है। जैसे : “101011001101” या “@#$%646$%*^8857”.

cryptography की विशेषताएं या उद्देश्य :-

  • Confidentiality : इस फीचर में बस ये सुनिश्चित किया जाता है की सेन्डर द्वारा जो मैसेज भेजा गया है वो सिर्फ रिसीवर ही डिक्रिप्ट करके उस मैसेज की इनफार्मेशन को पढ़ सकता है।
  • Non-repudiation: इस में जो सेन्डर रिसीवर को मैसेज भेजा है उससे वो भविस्य में पीछे नहीं हट सकता। और साथ में जिस कारण से मैसेज भेजा है उससे मुकर नहीं सकता
  • Integrity: इस फीचर के अंतर्गत, जो भी मैसेज या इनफार्मेशन भेजी गयी है उसे वो भेजने के बाद modify नहीं कर सकता और ना ही भेजने के दौरान modify कर सकता है।
  • Authenticity: ऑथेंसिटी में मैसेज भेजने वाला और मैसेज रिसीवर करने वाला आपस में verify कर सकते है। की मैसेज कहा पहुंचेगा।
  • क्रिप्टा एनालिसिस (Crypt analysis) : ये सिद्धांतो का अध्ययन है जिसमें cipher text को plain text में बिना key इस्तेमाल करके डिक्रिप्ट करने की process को crypto analysis कहते है।
  • क्रिप्टोलॉजी (Cryptology) : crypt analysis और cryptography, इन दोनों के समूह को Cryptology कहते है।
  • क्रिप्टोग्राफ़िक सिस्टम (cryptographic system) : इस सिस्टम में Different schemes को use करके encryption / Decryption परफॉर्म करते है।

cryptography का भविष्य में योगदान :-

आई बी ऍम कंपनी ने हाल ही में हुए अपने ऑनलाइन इवेंट “फ्यूचर ऑफ़ cryptography” के दौरान डाटा की गोपनीयता और डाटा एन्क्रिप्शन के तीन महत्वपूर्ण एलिमेंट्स या फील्ड में प्रगति करने की बात की थी.

इस इवेंट में ये तीन एलिमेंट्स पे बात की गयी थी –

  • क्वांटुम सेफ क्रिप्टोग्राफी
  • कॉन्फिडेंशियल कंप्यूटिंग
  • होमोमोर्फिक एन्क्रिप्शन

ये तीनो फील्ड ही अपने अनुसार “डाटा सिक्योरिटी equation पर काम कर रही है.” ये शब्द IBM की होस्ट गोसया स्टेइंडर (gosia steinder) जो की hybrid cloud security research बिभाग की हेड है। उन्होंने कहे थे।

Confidential computing – कॉन्फिडेंटिअल कंप्यूटिंग :-

2018 में, IBM कंपनी पहली ऐसी cloud provider बनीं थी जिसने कॉन्फिडेंटिअल कंप्यूटिंग प्रस्तुत की थी। आज के समय में IBM क्लाउड हाइपर प्रोटेक्ट सर्विसेज के तहत हमें कॉन्फिडेंटिअल कंप्यूटिंग प्रोवाइड कर रही है।

असल में कॉन्फिडेंटिअल कंप्यूटिंग हमें डाटा का securely एन्क्रिप्शन करके हार्डवेयर लेवल प्राइवेसी प्रदान करती है जिनको cloud provider भी access या view नहीं कर सकता।

Quantum safe Cryptography – क्वांटम सेफ क्रिप्टोग्राफ़ी :-

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलॉजी (NIST) क्रिप्टोग्राफ़ी समिति ने संवेदनशील डाटा को सुरक्षित करने के नए तरीके खोजे है।

इस इवेंट के दौरान Dustin Moody जो की NIST के मैथमटीसीएल है उन्होंने एक चिंता जाहिर की थी , डस्टिन के अनुसार क्वांटम कंप्यूटर का उपयोग करके कोई अटैक करके encrypted डाटा को चुरा सकता है इसलिए शोधकर्ता quantum safe क्रिप्टोग्राफ़ी तेजी से बिकसित कर रहे है।

homomorphic Encryption – होमोमोर्फिक एन्क्रिप्शन :-

IBM के इवेंट मैं एक तीसरे एलिमेंट की भी बात की गयी थी जिसे होमोमोर्फिक एन्क्रिप्शन कहते है जो कैलकुलेशन के दौरान एन्क्रिप्टेड डाटा को बनाये रखता है मतलब की ये एक एलिमेंट ऐसा है जो एन्क्रिप्टेड डाटा पैर कॅल्क्युलेशन्स परफॉर्म कर सकता है।

क्रिप्टोग्राफी कैसे काम करती है?

जब भी sender किसी message को receiver के पास भेजता है तो क्रिप्टग्राफी encrypted messaging service का उपयोग करके मैसेज को code में कन्वर्ट कर देती है जिसकी वजह से केवल रिसीवर ही उस मैसेज को read कर सकता है।
cryptography encryption तकनीक का उपयोग करके यूजर के डेटा और Information को protect करती है।

In Cryptography सिफर cipher क्या है-

जब Sender के द्वारा डाटा को ट्रांसमिट करते समय Encryption के माध्यम से Plain Text को हैश कोड में Convert कर दिया जाता है । तब उस कन्वर्टेड कोड या डाटा को ही Cipher Textकहा जाता है।

क्रिप्टोग्राफिक फ़ंक्शंस की नींव क्या है?

क्रिप्टोग्राफिक फ़ंक्शंस की नींव एंट्रॉपी है और यह वो नींव है जिस पर सभी क्रिप्टोग्राफ़िक फ़ंक्शन संचालित होते हैं। एंट्रॉपी, साइबर सुरक्षा में, डेटा-जनरेटिंग फ़ंक्शन की यादृच्छिकता या विविधता का एक उपाय है।

निकर्ष-

  • जैसा की आज हमने आपको cryptography kya hai, cryptography in hindi, Cryptography के प्रकार, Encryption kya hai, Decryption kya hai, cryptography की विशेषताएं या उद्देश्य, cryptography का भविष्य में योगदान के बारे में आपको बताया है.
  • इसकी सारी प्रोसेस स्टेप बाई स्टेप बताई है उसे आप फोलो करते जाओ निश्चित ही आपकी समस्या का समाधान होगा.
  • यदि फिर भी कोई संदेह रह जाता है तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट कर सकते और पूछ सकते की केसे क्या करना है.
  • में निश्चित ही आपकी पूरी समस्या का समाधान निकालूँगा और आपको हमारा द्वारा प्रदान की गयी जानकरी आपको अच्छी लगी होतो फिर आपको इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते है.
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Ramu Choudhary, मैं एक Computer Graduate and Internet Services के बारे 2016 से बहुत अच्छे से रूबरू हु. में Technology ओर Education से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों कोबहुत पसंद है यदि आप भी Technology ओर Education सूचना प्राप्त करना चाहती होतो फिर हमारे ब्लॉग को फॉलो कर ले और दोस्तों के साथ शेयर कर दे.