DBMS Kya Hai, DBMS से जुडी जानकारी 2023 में

आज हम यह जानेंगे के DBMS Kya Hai | DBMS के प्रकार | DBMS कैसे कार्य करता है | DBMS का Full Form In Hindi के बारे में आपको बताने वाले है.

dbms kya hai –

DBMS या डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम एक सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन है. जिसका उपयोग डेटाबेस को एक्सेस करने बनाने और प्रबंधित करने के लिए किया जाता है.

DBMS की मदद से आप डेटाबेस में डेटा को आसानी से बना पुनर्प्राप्त और अपडेट कर सकते हैं.
एक DBMS में डेटाबेस में एडिट करने के लिए कमांड का एक समूह होता है और अंत-उपयोगकर्ताओं और डेटाबेस के बीच एक इंटरफेस के रूप में कार्य करता है.

DBMS KYA HAI
DBMS KYA HAI

DBMS एक प्रकार का software होता है जिसकी मदद से database को create किया जाता है और उस डेटाबेस में Data Insert, Update और Delete जैसे task इसी सॉफ्टवेर की मदद से ही perform किये जाते हैं।

DBMS का Full Form क्या है –

DBMS का Full Form होता है Data Base Management System.

DBMS के प्रकार –


डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम मुख्यतः 3 प्रकार के होते हैं –

  1. Hierarchical (हिएरार्चिकल)
  2. Network (नेटवर्क)
  3. Rational (रैशनल)
DBMS KYA HAI , DBMS के प्रकार
DBMS KYA HAI , DBMS के प्रकार


1 – Hierarchical (श्रेणीबद्ध डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम)-

Hierarchical मॉडल में डेटा को Tree Structure के रूप में दर्शाया जाता है. जो कि Parent और Child के रूप में होते हैं.

2 – Network (नेटवर्क डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम)-

नेटवर्क मॉडल में डेटा को Network Structure के रूप में दर्शाया जाता है. यह भी Hierarchical मॉडल की तरह होता है लेकिन इसमें एक Parent के कई सारे Child होते हैं.

3 – Relation (सम्बन्ध डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम)-

Relation मॉडल डेटाबेस का सबसे लोकप्रिय मॉडल है, जिसमें डेटा को Row और Column के द्वारा एक टेबल में स्टोर किया जाता है. इस प्रकार के डेटाबेस को कोई भी यूजर आसानी से समझ सकता है और परमिशन मिलने पर एक्सेस भी कर सकता है.

DBMS Softwares In Hindi-

  • MySQL
  • Microsoft Access
  • Oracle
  • PostgreSQL
  • dBASE
  • SQLite
  • IBM DB2
  • LibreOffice Base
  • MariaDB
  • Microsoft SQL Server etc.
  • FoxPro

DBMS के Function क्या है-

  1. Create Data: DBMS के द्वारा डाटा को क्रिएट किया जाता है अर्थात उसे टेबल में स्टोर किया जाता है.
  2. Manage Data: इसमें डाटा को मैनेज किया जाता है ताकि इसे आसानी से एक्सेस किया जा सके.
  3. Update Data: इसमें जरूरत के अनुसार डाटा को अपडेट किया जा सकता है.
  4. Delete Data: इसमें जिस डाटा की जरूरत नहीं है उस डाटा को डिलीट किया जाता है.
  5. Data Backup: इसमें डाटा का बैकअप लिया जाता है ताकि सिस्टम फैलियर होने पर उसे रिकवर किया जा सके.
  6. Data Recovery: इसमें सिस्टम फैलियर होने पर डाटा को रिकवर किया जाता है.

DBMS के घटक –

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के निम्नलिखित कॉम्पोनेन्ट होते हैं, ये सभी एक दुसरे से जुड़े हैं –

  • हार्डवेयर
  • सॉफ्टवेयर
  • डेटा
  • यूजर
  • प्रक्रियाएं

1 – Hardware (हार्डवेयर)-

हार्डवेयर में कंप्यूटर आ जाते हैं जिनके द्वारा DBMS को स्टोर तथा एक्सेस किया जाता है. कंप्यूटर के अनेक पार्ट DBMS के एक्सेस में काम आते हैं.

DBMS को स्टोर करने के लिए स्टोरेज डिवाइस की जरुरत होती है, कंप्यूटर में मौजूद हार्ड डिस्क इसे स्टोर करने का कार्य करता है.

RAM पर DBMS सॉफ्टवेयर चलते हैं और यूजर कीबोर्ड के द्वारा डेटा इनपुट करता है. यह सब DBMS के हार्डवेयर कॉम्पोनेन्ट होते हैं.

2 – Software (सॉफ्टवेयर)-

सॉफ्टवेयर DBMS का सबसे महत्वपूर्ण घटक है, यह प्रोग्राम का एक समूह होता है जिसके द्वारा डेटाबेस को मैनेज और कण्ट्रोल किया जाता है.

सॉफ्टवेयर यूजर को एक आसान इंटरफ़ेस प्रदान करते हैं जिससे यूजर डेटाबेस में कार्य कर सकता है. सॉफ्टवेयर के अंतर्गत DBMS सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम आते हैं.

3 – Data (डेटा)-

Data वह इनफार्मेशन है जिसे डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में स्टोर किया जाना है, या जिसके लिए DBMS को बनाया गया है. बिना डेटा के DBMS किसी काम का नहीं होता है. इसलिए डेटा भी DBMS का एक महत्वपूर्ण घटक है.

4 – User (उपयोगकर्ता)-

यूजर वह होते हैं जो जरुरत के अनुसार डेटा को एक्सेस कर सकते हैं. प्रत्येक यूजर के अलग – अलग काम होते हैं.

वैसे देखा जाय तो सभी प्रकार के डेटाबेस में मुख रूप से 3 यूजर होते हैं, जिनके कार्य भी अलग – अलग होते हैं.

Administrator (प्रशासक) – Administrator का काम DBMS को मैनेज करना होता है. DBMS की Securities जैसे कार्य भी Administrator के पास होते हैं.

Designer (डिज़ाइनर) – डिज़ाइनर को प्रोग्रामर भी कहते हैं क्योंकि इसका कार्य DBMS को डिजाईन करना होता है. डिज़ाइनर कोडिंग में DBMS को डिजाईन करता है.

End User (अंतिम उपयोगकर्ता) – End User का काम DBMS में डेटा को स्टोर, अपडेट, डिलीट करने का होता है.

5 – Procedures (प्रक्रियाएं)-

DBMS के Procedures घटक में डेटाबेस को इस्तेमाल करने के लिए निर्देश और नियम आते हैं जैसे DBMS को इनस्टॉल करना, सेटअप करना, डेटाबेस का बैकअप लेना, DBMS में Login और Log Out करना.

DBMS कैसे कार्य करता है –

एक DBMS मुख्या रूप से निम्निलिखित कार्य संपन्न करता है।

  1. यदि कोई प्रोग्राम execute हो रहा है तथा प्रोग्राम को डेटाबेस में कुछ डाटा की आवश्यकता है तो वह इसके लिए एक निर्देश DBMS को देता है।
  2. DBMS यह सुनिश्चित करता है की जो डाटा माँगा गया है वह पहले से परिभाषित है या नहीं तथा यूजर को उसके इस्तेमाल की अनुमति है या न

DBMS के क्या फायदे है-

  • यह query language का उपयोग करके डेटा के विभिन्न स्वरूपों को संग्रहीत करने और पुनर्प्राप्त करने के लिए कई तरह के तरीके प्रदान करता है.
  • यह एक केंद्रीकृत डेटाबेस प्रणाली की अपनी प्रकृति के कारण आसानी से बनाए रखा जा सकता है.
  • Data redundancy को काम करता है.
  • न्यूनतम डेटा डुप्लिकेट और अतिरेक के साथ डेटा सुरक्षा और अखंडता प्रदान करता है.
  • उन उपयोगकर्ताओं को अधिकृत करता है जो डाटा की देख रेख, शेयर और उसे यूज़ कर सकता है.
  • DBMS की वजह से एप्लीकेशन development में भी बहुत ही कम समय लगता है.
  • यह multi user environment को support करता है.

DBMS के क्या नुकसान है-

  • डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम अक्सर जटिल सिस्टम होते हैं.
  • Hardware और Software की कीमत अधिक होती है.
  • अधिकांश Multinational कंपनियां अपने डेटा को एक ही डेटाबेस में संग्रहीत करती हैं. इसलिए, यदि वह डेटाबेस किसी भी कारण से क्षतिग्रस्त हो गया है, तो पूरा डेटा खो जाएगा.
  • DBMS काफी बड़ा सॉफ्टवेयर है, इसलिए इसे रन करने के लिए सिस्टम में बहुत सारी स्पेस और मेमोरी की आवश्यकता होती है.
  • कई बार यह बहुत ही Complex system होता है.
  • DBMS जिसे आप उपयोग करना चाहते हैं, वह संगठन की परिचालन आवश्यकताओं के अनुकूल नहीं हो सकता है.

DBMS की विशेषताएं-

किसी भी तरह के डाटा को स्टोर कर सकता है: एक डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम किसी भी तरह के डाटा को स्टोर करने सक्षम होता है. दुनिया में मौजूद किसी भी प्रकार के डाटा को DBMS में संरक्षित किया जा सकता है.

ACID Properties को सपोर्ट करना:

कोई भी DBMS ACID (Atomicity, Consistency, Isolation and Durability) जैसे गुणों का समर्थन करने में सक्षम है.

Data Redundancy को काम करना:

यह normalization के नियमों का पालन करती है जिससे डाटा का बिना वजह दोहराव काम हो जाता है.

Backup और Recovery:

Database failure जैसी समस्याएं कभी भी आ जाती है. ऐसे समय में यदि डाटा का रिकवर नहीं किया जा सका तो निश्चित रूप से एक बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है. इसलिए सभी डेटाबेस backup और recovery की विशेषता होनी चाहिए.

Data Integrity and Security:

यह डेटाबेस की क्वालिटी और विश्वसनीयता को बढ़ाता है. यह डेटाबेस की unauthorized access को रोकता है और इसे अधिक सुरक्षित बनता है.

Database Structure and Definition:

एक डेटाबेस में केवल डाटा ही नहीं बल्कि डाटा की सभी संरचनाएं और परिभाषाए भी होनी चाहिए. डाटा स्वयं दर्शाता है की किस प्रकार के टास्क उपयोग की जनि चाहिए। यह data structure, type,format और उनके बीच के संबंध को दर्शाता है.

निष्कर्ष-

  • जेसा की आज हमने आपको DBMS kya hai, dbms in hindi,DBMS कैसे कार्य करता है, DBMS का Full Form के बारे में आपको बताया है.
  • इसकी सारी प्रोसेस स्टेप बाई स्टेप बताई है उसे आप फोलो करते जाओ निश्चित ही आपकी समस्या का समाधान होगा.
  • यदि फिर भी कोई संदेह रह जाता है तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट कर सकते और पूछ सकते की केसे क्या करना है.
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Ramu Choudhary, मैं एक Computer Graduate and Internet Services के बारे 2016 से बहुत अच्छे से रूबरू हु. में Technology ओर Education से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों कोबहुत पसंद है यदि आप भी Technology ओर Education सूचना प्राप्त करना चाहती होतो फिर हमारे ब्लॉग को फॉलो कर ले और दोस्तों के साथ शेयर कर दे.